नागरिकता संशोधन कानून के तहत कई राज्यों में विरोध नजर आया। लेकिन सबसे ज्यादा विरोध उत्तरप्रदेश की योगी सरकार के राज्य में देखा गया। वहां पर प्रदर्शनकारियों ने सबसे ज्यादा उपद्रव मचाया और जमकर सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया। बहरहाल अब यूपी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है।यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि जो प्रदर्शनकारी सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाता हुए कैमरे या सीसीटीव में नजर आएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। जुर्माना वसूली में अगर कमी नजर आती है तो उसकी सम्पत्ति को नीलाम आदि कर वसूली की जाएगी। इसी बीच अब योगी ने कार्यवाही शुरू कर दी है और ऐसे लोगो का चिन्हित कर जुर्माना लगाने की तैयारी में लग गई है। ऐसे लोगों के पास अब प्रशासन नोटिस भेजते हुए नजर आ रहा है।उमेशराज शेखावत का मानना है कि योगी सरकार ने जो फेसला लिया है बिलकुल सही लिया है क्योंकि किसी भी व्यक्ति को सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है।इस के साथ उमेशराज शेखावत सीएम योगी से निर्दोष लोगों को छोड़ने की अपील भी करते हैं।
नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के विरोध में 21 दिसंबर को जिस दिन राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार बंद करवाया था , उस दिन पटना के फुलवारीशरीफ़ में हिंसा हुई थी. दो गुटों के बीच जमकर पत्थरबाज़ी हुई. फ़ायरिंग की रिपोर्टें भी आयीं. क़रीब एक दर्जन लोग घायल हुए जिन्हें इलाज के लिए एम्स और पीएमसीएच में ले जाया गया था. आमिर रोज़ की तरह सुबह घर से तैयार होकर काम करने के लिए फ़ैक्ट्री गया था लेकिन उस दिन बिहार बंद की घोषणा थी और हर तरफ़ जुलूस निकाले जा रहे थे. फ़ैक्ट्री बंद थी. वह वापस लौट आया और उसी जुलूस में शामिल हो गया जिसमें मोहल्ले के लोग शामिल थे.""जुलूस के दौरान कि जो कुछ तस्वीरें और वीडियो मिलें हैं उसमें वह हाथ में तिरंगा थामे दिखता है. वो ही उसकी आख़िरी तस्वीर थी. उसके बाद मिली तो उसकी सड़ी हुई लाश, वो भी 11 दिनों के बाद."साहिल के घर में मातम पसरा है. उनका कमाने वाला भाई हिंसा की भेंट चढ़ गया. उस हिंसा की जिससे उसका दूर-दूर तक का वास्ता नहीं था.आमिर हंज़ला उसी हिंसा के बाद से लापता थे. परिजनों ने 22 दिसंबर को फुलवारीशरीफ़ थाने में आमिर की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी.
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