CAA प्रदर्शन: दिल्ली की सर्द रात में महिलाओं का मोर्चा ऐसे समय में जब दिल्ली हाल के वर्षों के ठंड के नए रिकार्ड क़ायम कर रही है, सैकड़ों महिलाएं ओखला क्षेत्र की शाहीन बाग़ कॉलोनी में खुले में बैठकर धरना दे रही हैं.नए नागरिकता क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ देश के अन्य हिस्सों में चल रहे उग्र प्रदर्शनों से एकदम अलग, यहाँ मौजूद महिलाएं देश और भारतीय संविधान की प्रशंसा में नारे लगा रही हैं.इसी बीच मंच पर कोई बांसुरी से वही पुराना और लोकप्रिय देशभक्ति गीत 'सारे जहां से अच्छा' बजाने लगता है और दर्शकों में बैठे नौजवान और वृद्ध महिलाएं इस धुन पर झूमने लगती हैं.फिर सभी राष्ट्रगान गाने के लिए उठते हैं. बाद में उसी जगह बैठ जाते हैं.यह विरोध प्रदर्शन बीते 10 दिनों से कुछ इसी तरह लगातार चल रहा है.विरोध प्रदर्शन के आयोजकों में कुछ पुरुषों को छोड़कर, अधिकतर प्रदर्शनकारी महिलाएं हैं जो नए नागरिकता क़ानून को वापस लेने की माँग कर रही हैं.साथ ही इनकी माँग है कि एनआरसी को देश में कभी लागू ना किया जाए.प्रदर्शन में आईं महिलाओं में कई गृहणियाँ हैं जो अपने घरों से बहुत कम ही बाहर निकलती हैं, देर रात में इस तरह किसी प्रदर्शन में बैठना तो दूर की बात है.वे कहती हैं कि ये पहली बार है जब वे इस तरह के किसी धरने पर बैठी हैं.श्री उमेशराज शेखावत का मानना है की जो महिलाये इन ठण्ड भरी रातो में शान्ति पूर्वक धरना दे रही है उनके धरना देने से किसी को कोई तकलीफ नहीं हो रही है जो लोग इस नए नागरिकता कानून का विरोध कर रहे है वो भी शान्ति पूर्वक आंदोलन करे और उन्हें करना भी चाहिए क्योकि ये उन सभी का क़ानूनी अधिकार है| श्री उमेशराज शेखावत नारी सशक्तिकरण को बहुत बढ़ावा देते है और वो महिलाओ का बहुत सम्मान करते है |

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